Shanti Gramin Vikas Trust Samiti is an Indian non-government organisation (NGO), regarded as one of the most influential institutions working for poor children in India. Over more than four decades, we have been partnering with central and state government, national and international donors, non-government organisations and local communities to strengthen the capacity of deprived children and women to improve their health, nutrition, education and protection conditions. Distilling international and national experience, we seek to learn from the poor to improve our interventions in under-serviced rural and urban areas. We aim at strengthening local governance processes that give marginalised and poor communities a voice and influence national policy.We adopt a human rights-based approach in our programmes, fostering partnerships for local development among community actors, service providers and elected representatives.
Who we are :–Shanti Gramin Vikas Trust Samiti is a registered non-profit non-government organisation (NGO) registered under the Societies Registration Act in India. We work with over 1900 Indian professionals. We are guided by a Governing Body composed of experienced Indian practitioners, academics and administrators. Founded in 2023 by a pediatrician, Mr. Shree Ram Sutihar, Shanti Gramin Vikas Trust Samiti is located in sirsiya,kamargama madhepura bihar, India and runs operations in the states of Bihar & Jharkhand assisting about 101 people. We have been recipient of prestigious awards and recognitions in India and around the world.
What we do :–Shanti Gramin Vikas Trust Samiti overarching aim is to enable poor people, women and children to take control of their lives and have a share in sustainable development. We are active in deprived communities, both in villages and low-income urban settlements. We seek to break the vicious cycle of poverty, malnutrition, ill-health, illiteracy, abuse and violence, affecting in particular children and women. Our initial focus on health and nutrition has grown further in the areas of education and child protection. Our method is to converge sectoral interventions at the level of the family and the community. We adopt a human rights-based approach in strengthening local governance actors, such as Rural Panchayat Institutions and Urban Local Bodies, service providers, such a health personnel and teachers, and adult and child community representatives, to use available resources and identify local solutions. Our programmes span project development and implementation, evaluation, network building, training and capacity development, to serve marginalised communities and contribute to government policy and programmes.Who we work with :-Shanti Gramin Vikas Trust Samiti sees its role as a facilitator in fostering partnerships between people and government. We seek to achieve development and social justice by fostering alliances among key governance actors to increase access to quality basic services, fulfill fundamental rights and involve voiceless communities in decision-making processes. Building partnerships is core to our way of working with women and children. We partner with Government of India and state governments, UN and bilateral organisations, international and national donors, grassroots organisations and networks. In particular, we collaborate with community-based organisations, women’s self-help groups, local elected representatives, service providers, children and youth groups.
Address :-Reg. T.R.A. 1882,Reg.No.26/2023, NGO DARPAN Reg. UNIQUE ID: BR/2023/0357818
Reg. Office- Sirsiya, Kamargama, Madhepura,Bihar-852218
Branch Office -Madhepura,Bihar-852218
Pan No- ABHTS4694J, NSDC PARTNER - TRAINING CENTER ID[SDMS,ID]:- TP220950
*परियोजना प्रस्ताव: सामुदायिक स्वास्थ्य साक्षरता एवं प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण अभियान*
*परियोजना का नाम:* सामुदायिक स्वास्थ्य साक्षरता एवं प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण
*आयोजक संगठन:* शांति ग्रामीण विकास ट्रस्ट समिति
*परियोजना का स्थान:* सिसरिया कमरगामा, सिंहेश्वर, मधेपुरा, बिहार
*परियोजना का उद्देश्य:*
1. ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षित महिलाओं को स्वास्थ्य साक्षरता और प्राथमिक उपचार में प्रशिक्षित करना।
2. ग्रामीण समुदायों में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना और बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना।
3. प्रशिक्षित महिलाओं को सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में नियुक्त करना, जिससे वे अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का नेतृत्व कर सकें।
4. प्राथमिक उपचार और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं में सामुदायिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।
*मुख्य गतिविधियाँ:*
1. *स्वास्थ्य साक्षरता प्रशिक्षण:*
- स्वास्थ्य साक्षरता पर 30 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम, जिसमें स्वच्छता, पोषण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, और संक्रमण की रोकथाम जैसे विषय शामिल होंगे।
2. *प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण:*
- प्राथमिक चिकित्सा, चोट प्रबंधन, जलने, हड्डी टूटने, और घाव प्रबंधन के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण।
3. *प्रशिक्षित महिलाओं की नियुक्ति:*
- प्रत्येक गांव या पंचायत में प्रशिक्षित महिलाओं को सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
- इन महिलाओं को पंचायत या ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन सौंपा जाएगा।
*प्रशिक्षण नियमावली और शुल्क:*
1. *प्रशिक्षण शुल्क:*
- प्रशिक्षण के संचालन के लिए प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी से प्रतिदिन ₹19 शुल्क लिया जाएगा। यह शुल्क कार्यक्रम के सुचारू संचालन और आवश्यक संसाधनों की पूर्ति के लिए है।
2. *पात्रता मानदंड:*
- महिला अभ्यर्थी, आयु 18 से 45 वर्ष।
- न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण और स्थानीय निवासी।
3. *चयन प्रक्रिया:*
- आवेदन के बाद चयनित अभ्यर्थियों का साक्षात्कार और योग्यता परीक्षण किया जाएगा।
4. *प्रशिक्षण की संरचना:*
- *सिद्धांत सत्र:* स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छता, संक्रमण रोकथाम और आपातकालीन सेवाओं पर शिक्षण सत्र।
- *व्यावहारिक सत्र:* प्राथमिक चिकित्सा, घाव प्रबंधन, और आपातकालीन प्रतिक्रिया पर व्यावहारिक अनुभव।
- *परीक्षा और प्रमाणपत्र:* प्रशिक्षण के अंत में परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसमें सफल अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। इस प्रमाणपत्र के आधार पर उन्हें पंचायत और ब्लॉक स्तर पर विभिन्न सेवाओं में प्राथमिकता मिलेगी।
5. *अभ्यर्थियों के लिए संभावित अवसर:*
- *प्राथमिकता:* प्रमाणपत्र प्राप्त अभ्यर्थियों को सेविका, सहायिका, आशा कार्यकर्ता, वसंत सखी, बाल मित्र, हेल्थ कार्ड डिस्ट्रीब्यूटर आदि पदों पर प्राथमिकता दी जाएगी।
- *विशेष अंक:* पंचायत और ब्लॉक स्तर पर चयन प्रक्रिया में विशेष अंक प्रदान किए जाएंगे।
*केंद्रीय आजीविका नियुक्ति नियमावली:*
इस परियोजना में केंद्रीय आजीविका योजनाओं से संबंधित निम्नलिखित नियमावली को शामिल किया गया है:
1. *पात्रता मानदंड:*
- केंद्रीय और राज्य स्तर की आजीविका योजनाओं में प्रमाणपत्र धारक अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- नियुक्तियों में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की महिलाओं को भी विशेष वरीयता दी जाएगी।
2. *आजीविका योजनाओं में प्राथमिकता:*
- स्वास्थ्य साक्षरता और प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण के आधार पर, अभ्यर्थियों को विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी योजनाओं में रोजगार के अवसर दिए जाएंगे।
- पंचायत स्तर पर सेविका, सहायिका, वसंत सखी, और हेल्थ कार्ड डिस्ट्रीब्यूटर जैसी भूमिकाओं के लिए प्रशिक्षणार्थियों को विशेष प्राथमिकता मिलेगी।
3. *विशेष सुविधा और अंक:*
- ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के तहत महिलाओं को रोजगार देने में प्रमाणपत्र धारक महिलाओं को अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे, जिससे उनकी नियुक्ति की संभावना बढ़ेगी।
4. *सामुदायिक सेवा में योगदान:*
- प्रशिक्षण प्राप्त महिलाएं अपने समुदाय में स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता अभियानों में सक्रिय रूप से योगदान देंगी। इससे उन्हें सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण मिलेगा और समुदाय में उनकी भूमिका मजबूत होगी।
*नियुक्ति नियमावली:*
1. *नियुक्ति अवधि और अनुबंध:*
- नियुक्ति 1 वर्ष के अनुबंध पर होगी, जिसे कार्य प्रदर्शन के आधार पर नवीनीकृत किया जा सकेगा।
2. *सेवा नियम:*
- नियुक्त महिलाएं समुदाय में स्वास्थ्य साक्षरता अभियानों और आपातकालीन सेवाओं की जिम्मेदारी निभाएंगी।
- मासिक समीक्षा और प्रगति रिपोर्ट की जाएगी।
*प्रशिक्षण के बाद मूल्यांकन:*
- प्रशिक्षित महिलाओं का नियमित मूल्यांकन किया जाएगा।
- समय-समय पर उन्नत प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे।
*प्रशिक्षण के संभावित लाभ:*
1. ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने और रोजगार के अवसर प्रदान करने में सहायता।
2. समुदाय में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और आपातकालीन सेवाओं की त्वरित उपलब्धता।
3. प्रमाणपत्र धारक महिलाओं को विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी सेवाओं में प्राथमिकता मिलेगी।
इस परियोजना के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में नेतृत्व प्रदान करने का अवसर मिलेगा, बल्कि वे समुदाय में स्वच्छता, स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा बनेंगी। इससे उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में भी वृद्धि होगी और वे केंद्रीय आजीविका योजनाओं में भी लाभ उठा सकेंगी।
*परियोजना प्रस्ताव: ग्रामीण पशुपालन विकास निगम*
*परियोजना का नाम:* ग्रामीण पशुपालन विकास निगम
*आयोजक संगठन:* शांति ग्रामीण विकास ट्रस्ट समिति
*परियोजना का स्थान:* सिसरिया कमरगामा, सिंहेश्वर, मधेपुरा, बिहार
*परियोजना का उद्देश्य:*
1. ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन के माध्यम से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।
2. पशु स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और उन्नत चिकित्सा सुविधा प्रदान करना।
3. ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना।
4. पशुओं की नस्ल सुधार और उत्पादकता में वृद्धि।
*मुख्य गतिविधियाँ:*
1. *ग्राम पंचायत स्तर पर नियुक्तियाँ:*
- *ग्रामीण पशु रक्षक (Rural Animal Protector)* और *ग्रामीण पशु चिकित्सा सलाहकार (Rural Veterinary Advisor)* का चयन और नियुक्ति।
- चयनित व्यक्तियों को नियुक्ति नियमावली और प्रशिक्षण के आधार पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
2. *पशु स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन:*
- समय-समय पर टीकाकरण, दवा वितरण और पशु चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करना।
3. *पशुपालकों के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम:*
- पशुपालन के आधुनिक तकनीकों, प्रबंधन, और स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रशिक्षण कार्यक्रम।
4. *पशु नस्ल सुधार:*
- उच्च नस्ल के पशुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना और क्रॉस-ब्रीडिंग के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाना।
*नियुक्ति नियमावली:*
1. *पात्रता मानदंड:*
- उम्मीदवार की आयु 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- कम से कम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण या समकक्ष योग्यता।
- पशुपालन और कृषि कार्य में अनुभव रखने वाले उम्मीदवारों को वरीयता दी जाएगी।
2. *चयन प्रक्रिया:*
- ग्राम पंचायत स्तर पर आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे।
- योग्य उम्मीदवारों का साक्षात्कार और चयन समिति द्वारा मूल्यांकन।
- चयनित उम्मीदवारों को अनुबंध के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी।
3. *प्रशिक्षण प्रक्रिया:*
- प्रारंभिक प्रशिक्षण: चयन के बाद 15 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण जिसमें पशुपालन, चिकित्सा, और पशु कल्याण के विषय शामिल होंगे।
- उन्नत प्रशिक्षण: चयन के 6 महीने बाद 7 दिनों का उन्नत प्रशिक्षण, जिसमें आधुनिक तकनीकों और व्यवसाय प्रबंधन पर ध्यान दिया जाएगा।
4. *नियुक्ति अवधि और अनुबंध:*
- नियुक्ति 1 वर्ष के अनुबंध के आधार पर होगी, जिसे प्रदर्शन के आधार पर नवीनीकृत किया जा सकता है।
- अनुबंध के दौरान, नियुक्ति नियमों के अनुसार कार्य करने की बाध्यता होगी।
5. *सेवा नियम:*
- चयनित व्यक्ति को पंचायत स्तर पर ग्रामीण पशुपालकों की सेवा और सहायता करनी होगी।
- मासिक रिपोर्टिंग और प्रगति मूल्यांकन का प्रावधान होगा।
- असंतोषजनक कार्य प्रदर्शन या अनुशासनहीनता की स्थिति में अनुबंध रद्द किया जा सकता है।
*प्रशिक्षण से संबंधित नियमावली:*
1. *प्रशिक्षण का उद्देश्य:*
- पशुपालकों को तकनीकी ज्ञान प्रदान कर उन्हें सक्षम बनाना।
- पशु चिकित्सा सेवाओं को सुचारू रूप से संचालित करना।
- पशुपालन में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग और सुधार लाना।
2. *प्रशिक्षण कार्यक्रम की संरचना:*
- *सिद्धांत सत्र:* पशुपालन के सिद्धांत, प्रबंधन, और स्वास्थ्य सेवाओं पर लेक्चर और प्रस्तुति।
- *व्यावहारिक सत्र:* पशुओं की देखभाल, टीकाकरण, और चिकित्सा सेवाओं पर व्यावहारिक अनुभव।
- *मूल्यांकन:* प्रशिक्षण के अंत में मूल्यांकन और प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।
3. *प्रशिक्षण के बाद मूल्यांकन:*
- प्रशिक्षित व्यक्तियों का नियमित मूल्यांकन किया जाएगा।
- आवश्यकतानुसार अतिरिक्त प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे।
*संभावित लाभ:*
1. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि।
2. पशुपालकों की आय में सुधार और आर्थिक सशक्तिकरण।
3. पशुओं की उत्पादकता और स्वास्थ्य में सुधार।
4. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा।
इस परियोजना के माध्यम से ग्रामीण पशुपालकों को आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक सशक्तिकरण मिलेगा, जिससे समग्र ग्रामीण विकास को गति मिलेगी।
प्रिय सज्जनों,
शांति ग्रामीण विकास ट्रस्ट समिति के द्वारा गरीब अनाथ बच्चों और वृद्ध जनों के लिए वृद्ध आश्रम की स्थापना और सेवाएं दी जा रही हैं। यह एक महत्वपूर्ण कार्य है जो समाज के कमजोर वर्गों की सहायता करता है और उन्हें एक बेहतर जीवन प्रदान करने की दिशा में प्रयासरत है।
हम आप सभी से निवेदन करते हैं कि इस पुण्य कार्य में अपना योगदान दें। आपकी थोड़ी सी मदद भी इन जरूरतमंद लोगों के जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकती है।
दान करने के लिए कृपया निम्नलिखित माध्यमों का उपयोग करें:
प्रिय धर्मप्रेमी सज्जनों,
बिहार राज्य के मधेपुरा जिला के सिंघेश्वर प्रखंड में 508 फीट ऊँची श्री महावीर जी की विशाल प्रतिमा की स्थापना की जा रही है। यह प्रतिमा इस क्षेत्र के विकास और सनातन धर्म प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटक स्थल बनने जा रही है। इस महान कार्य को सफल बनाने के लिए आपका सहयोग अति आवश्यक है।
हम आपसे निवेदन करते हैं कि इस धार्मिक और सामाजिक कार्य में अपना योगदान दें। आपकी थोड़ी सी मदद भी इस परियोजना को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है और आपको पुण्य का भागी बना सकती है।
दान देने के लिए निम्नलिखित माध्यमों का उपयोग करें:
1. *ऑनलाइन बैंक ट्रांसफर:*
- बैंक नाम: [भारतीय स्टेट बैंक]
- खाता संख्या: [42978829342]
- IFSC कोड: [SBIN0003007]
- शाखा: [सिंघेश्वर -3007]
2. *चेक/ड्राफ्ट:*
- कृपया चेक/ड्राफ्ट को 'शांति ग्रामीण विकास ट्रस्ट समिति' के नाम पर जारी करें और निम्नलिखित पते पर भेजें:
- [पता- Sirsiya NH-106,Kamargama, Singheshwar, Madhepura Bihar-852218]
3. *कैश:*
- आप सीधे हमारे कार्यालय में आकर नकद दान भी कर सकते हैं:
- [पता-Sirsiya NH-106,Kamargama, Singheshwar, Madhepura Bihar-852218]
आपका दिया हुआ योगदान हमें इन अनाथ बच्चों और वृद्ध जनों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायता करेगा।
सहयोग के लिए धन्यवाद।
सादर,
शांति ग्रामीण विकास ट्रस्ट समिति
सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता एक समुदाय का सदस्य होता है जिसे समुदाय के सदस्यों या संगठनों द्वारा अपने समुदाय के भीतर बुनियादी स्वास्थ्य और चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए चुना जाता है, और वह उसे समुदाय को निवारक प्रचार और पुनर्वास देखभाल प्रदान करने में सक्षम होता है।
विवरण
कोर्स का नाम: सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता में डिप्लोमा
कोर्स आईडी: DCHW/BR22AI
शैक्षणिक योग्यता: 10वीं कक्षा.
अवधि: 70 घंटे.
आपको डिप्लोमा सर्टिफिकेट कैसे मिलेगा :
चरण 1- प्रमाणन के लिए अपना पाठ्यक्रम चुनें।
स्टेप 2- एनरोल नाउ पर क्लिक करें।
चरण 3- अभी नामांकन के लिए आगे बढ़ें।
परीक्षा विवरण:
· अवधि- 120 मिनट.
· प्रश्नों की संख्या- 60. (बहुविकल्पीय प्रश्न)।
· प्रत्येक मॉड्यूल से 10 प्रश्न, प्रत्येक के लिए 10 अंक हैं।
· अधिकतम अंक- 500, उत्तीर्ण अंक- 40%।
· इस मॉड्यूल में कोई नकारात्मक अंकन नहीं है।
प्रमाणीकरण के लाभ:
· सरकार द्वारा अधिकृत मूल्यांकन एजेंसी प्रमाणन।
· प्रमाणपत्र जीवन भर के लिए वैध।
· प्रमाणपत्र का आजीवन सत्यापन।
· आपकी रुचि क्षेत्र के अनुसार निःशुल्क नौकरी सहायता।
पाठ्यक्रम
संचारी रोग: स्वास्थ्य और संचारी रोग, उद्देश्य, खसरा टीकाकरण, मौखिक पुनर्जलीकरण समाधान, तपेदिक, रोकथाम और नियंत्रण, खाद्य विषाक्तता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता की भूमिका, कुष्ठ रोग।
जीवनशैली रोग: परिचय, उद्देश्य, कोरोनरी हृदय रोग, कोरोनरी हृदय रोग की रोकथाम, उच्च रक्तचाप (उच्च रक्तचाप), उच्च रक्तचाप की जटिलता, स्वास्थ्य शिक्षा, स्ट्रोक, मधुमेह का पता लगाना, मधुमेह मेलेटस, मोटापा, मोटापे से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम, कैंसर, युक्तियाँ स्वस्थ जीवन शैली के लिए.
फार्मेसी और दवा प्रतिक्रिया: परिचय, उद्देश्य, फार्मेसी, एंटीसेप्टिक्स और कीटाणुनाशक, दवा प्रतिक्रिया, सूची दवाएं/ड्रेसिंग, दवा प्रतिक्रिया के प्रकार।
आपातकाल का प्रबंधन: परिचय, उद्देश्य, सामान्य आपात स्थिति, जलने के प्रकार, फ्रैक्चर के प्रकार, लकवाग्रस्त रोगियों की देखभाल।
एफ प्राथमिक चिकित्सा: परिचय, उद्देश्य, सामान्य अवलोकन, नाड़ी, रक्तचाप, झटका, रेबीज/कुत्ते का काटना, पट्टियाँ, कान नहर का संक्रमण, एनाफिलेक्टिक प्रतिक्रियाएं और इसका उपचार, प्राथमिक चिकित्सा, बिजली का झटका, नैदानिक विशेषताएं।
निवारक उपाय : परिचय, उद्देश्य, विशिष्ट सुरक्षा, टीकाकरण कार्यक्रम, सुरक्षात्मक उपयोग, अस्पताल में विशिष्ट सुरक्षा, रोकथाम रोग, व्यक्तिगत स्वच्छता, संगरोध।
शांति ग्रामीण विकास नया समिति के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षित महिला वयुक्तियों को स्वास्थ्य के बारे में स्वावलंबन बनने के उद्देश्य से 30 दोनों का सामुदायिक स्वास्थ्य साक्षरता प्रशिक्षण कार्यक्रम अभियान संस्थान के द्वारा स्वयं आयोजित शिक्षा के अंतर्गत चलाई जा रही है। जिसमें प्रखंड व पंचायत स्तर के युवतियों को निशुल्क स्वास्थ्य से संबंधित साक्षरता प्रशिक्षण दी जाएगी।
कोविड-19, एचआईवी, एड्स, हेपेटाइटिस, टीबी, मलेरिया, मलेरिया, लिकोरिया, कैंसर, मधुमेह, गर्भावस्था, में देखभाल करने के क्षेत्र में उचित परामर्श देने हेतु तथा गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य साक्षरता प्रशिक्षण अभियान के तहत प्रशिक्षण दिया जाता है।
ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षित युवा किसान एवं महिलाओं जनहित में आपको सूचित करना चाहते हैं। कि आज भी हमारे ग्रामीण क्षेत्र स्वास्थ्य चिकित्सा को लेकर गंभीर परिस्थितियों से जूझ रहे हैं। चाहे बच्चों से लेकर बूढ़े तक को घरेलू चिकित्सा की सही जानकारी न होने के कारण हम सब डॉक्टर के बताए हुए हर बात को याद नहीं रख पाते हैं। या कहे तो समय पर हम उनको वह औषधि नहीं दे पाते हैं। जो उसे पढ़ना चाहिए इसका मुख्य वजह हमें और स्वास्थ्य के प्रति अच्छी जानकारी ना होना इसका वजह बनता है। यह हम लोग भली-भांति जानते हैं। अपने परिवार में अगर किसी को सुई लगाने की बारी आ जाए तो वह सी सुबह के बजे दोपहर में लगती है। और शाम की सुई उसे जितना समय में पढ़ना चाहिए उसे आधे समय पहले ही पड़ जाता है। जिससे हमारे शरीर में जो दवाई की गन बढ़ता समांतर मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पाता है। इसके अभाव में हमारी रोग प्रतिरोध क्षमताएं सक्रिय होने के वजह निष्क्रिय हो जाता है। जो हमारे जीवन के लिए अत्यंत घातक साबित होता है। अक्सर बीमारी ठीक होने के वजह कुछ दिनों बाद फिर बीमारी अत्यधिक बड़े रूप में उभर का आता है इसका मुख्य कारण यही है।
जानकारी के लिए हम आपको बता दें हमारी संस्था इसी को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र के कुशल ग्रहणी व नवयुक्ति को इस संबंध में निशुल्क प्रशिक्षण देने की अभियान चलाई जा रही है। इस पर शिक्षा से हर महिलाएं व नवयुक्ति स्वास्थ्य के बारे में प्राथमिक स्वास्थ्य साक्षरता का प्रशिक्षण लेकर अपने परिवार की चिकित्सा क्षेत्र को और मजबूत बनाने का काम करेगी।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य:-
(क) ग्रामीण क्षेत्र के महिला वयुक्तियों को स्वास्थ्य के बारे में स्वावलंबन बनाना,
(ख) गंभीर बीमारियों के संदर्भ में उचित परामर्श देने हेतु प्रशिक्षित करना,
(ग) महिलाओं की हर प्रकार के रोग के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करना वी लोगों को भी उचित परामर्श देने हेतु शिक्षित करना,
(घ) महिलाएं अपने जीवन यापन के लिए स्वयं आत्मनिर्भर होकर समाज की एकता व अखंडता के प्रति को एकत्रित करने में समर्थ होना,
प्रशिक्षण से लाभ:-
(क) स्वयं के बीमारियों के बारे में गंभीर रूप से जानकारी प्राप्त करना,
(ख) प्रशिक्षित होने के बाद समाज के महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना तथा उचित स्वास्थ्य चिकित्सा की परामर्श देना,
(ग) घर में ऐसी दवा जिसका उपयोग ना हो पाए और उसकी अवधि अभी भी शेष है वह कितनी बीमारी में उपयोग हो सके इसकी जानकारी प्राप्त कर उसका भी उपयोग संभव का कठिन परिस्थिति में करने की अनुभूति,
(घ) प्रशिक्षण प्रशिक्षण प्राप्त होने के बाद प्राप्त प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी अगर सरकारी नियुक्तियों में विशेष अंक प्राप्त होने के साथ-साथ प्राथमिकता का भी अवसर प्राप्त होने की अनुभूति,
शीर्ष पाठ्यक्रम
· एडीसीए
· वित्तीय लेखांकन में डिप्लोमा
· कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग में डिप्लोमा
· औद्योगिक सुरक्षा में पीजी डिप्लोमा
· इवेंट मैनेजमेंट में एडवांस डिप्लोमा
· आयात और निर्यात में डिप्लोमा
· सामग्री प्रबंधन में डिप्लोमा
· नर्सरी शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
· योग शिक्षा में पीजी डिप्लोमा
पाठ्यक्रम श्रेणियाँ
शीर्ष पाठ्यक्रम
· एडीसीए
· वित्तीय लेखांकन में डिप्लोमा
· कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग में डिप्लोमा
· औद्योगिक सुरक्षा में पीजी डिप्लोमा
· इवेंट मैनेजमेंट में एडवांस डिप्लोमा
· आयात और निर्यात में डिप्लोमा
· सामग्री प्रबंधन में डिप्लोमा
· नर्सरी शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
· योग शिक्षा में पीजी डिप्लोमा
पाठ्यक्रम श्रेणियाँ
नवीनतम पाठ्यक्रम
· होटल प्रबंधन में मास्टर डिप्लोमा
· अस्पताल प्रबंधन में मास्टर डिप्लोमा
· क्रय एवं स्टोर कीपिंग तकनीशियन में डिप्लोमा
· कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर डिप्लोमा
· योग शिक्षा में पीजी डिप्लोमा
· वित्त एवं लेखा में मास्टर डिप्लोमा
· कंप्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर डिप्लोमा
भार
(एक आईएसओ प्रमाणित सरकार पंजीकृत कौशल विकास प्रशिक्षण और प्लेसमेंट स्वायत्त संगठन)
प्रिय प्रशिक्षणार्थी हमारे संस्थान के अंतर्गत पशुपालन एवं पशु प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी प्रशिक्षणार्थी को हम बताना चाहते हैं कि हमारे संस्थान के द्वारा आपको 3 महीने की प्रशिक्षण दी जा रही है इस प्रशिक्षण में सभी प्रकार के प्रशिक्षण से संबंधित समिति के द्वारा प्रशिक्षण शुल्क लगाया गया हैI जिसमें हमारे संस्थान के द्वारा आपको विधिवत 42 घंटे का प्रशिक्षण दी जाती हैI प्रशिक्षण की कुल अवधि 90 दिनों की है जिसमें हम आपको सप्ताह में 3 दिन प्रशिक्षण देने की हमारी नीति हैI
प्रिय प्रशिक्षणार्थी हम आशा करते हैं कि हमारे प्रशिक्षक द्वारा आपको अपनी क्षेत्रीय भाषा में प्रशिक्षण प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं होती होगी हम यह भी आशा करते हैं कि हमारे संस्थान के द्वारा जो भी कार्य की जा रही है उसमें आपका योगदान बहुत महत्वपूर्ण है इसके लिए हम संस्थान आपके सदा आभारी हैं हम आपके लिए हर संभव इस क्षेत्र में अथक प्रयास करेंगे कि आपको इस प्रशिक्षण के बाद एक रोजगार मिले जिससे आप सकुशल अपने बेरोजगारी को दूर कर आत्मनिर्भर हो सके मेरे संस्थान के द्वारा प्राप्त सभी प्रकार के दोनों से अवगत होकर आप ग्रामीण स्तर पर प्राथमिक पशु उपचारों बनकर समाज की भलाई का काम कर सकते हैं प्रिय प्रशिक्षणार्थी आपसे उम्मीद है कि हमारे संस्था द्वारा दी जाने वाली और भी कई सुविधाएं की लाभ हम आप तक पहुंचाने का अथक प्रयास करेंगे आप जिस भी क्षेत्र से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं आपके सहयोग से हम आपके ही क्षेत्र में ग्रामीण पशु चिकित्सक केंद्र खोलकर उसमें हम आप को स्वरोजगार प्रदान करने की पहल करेंगे तथा डेरी फार्म आदित्य स्थापना कर स्वरोजगार प्रदान करने की काम करेंगे इसके लिए हमें आपकी सहयोग की अति आवश्यकता होगी इसलिए आपसे आग्रह है कि आप हमारे संस्थान के प्रति अपना स्नेह बनाए रखें हम विश्वास दिलाते हैं कि हम आपके विश्वास पर अटल होकर आपको स्वरोजगार प्रदान करने की पहल करेंगे।
प्रशिक्षण प्रमुख जिला में कार्यरत है:-
बांका, भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, मधुबनी, दरभंगा, जमुई, मुंगेर, लखीसराय, नवादा, गाया, बिहार के प्रमुख जिलों में सामुदायिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण अभियान चलाई जा रही हैI
गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, गोंडा, साहिबगंज, पाकुर, देवघर, गिरिडीह, दुमका, धनबाद, बोकारो, झारखंड में अभियान संचालित रूप से चलाए जा रहे हैंI
E-Computer Skills Development
Computer Training Institute:-
Computer training can be used for a wide variety of applications, not just for software simulations. Anything that can be taught in a classroom can conceivably be taught via computer. Employees can take ethics courses, job skills training courses, leadership training courses, safety courses and anything else on a computer.
Using computer technology to provide continual training opportunities for your workers can steadily increase employees' professional competencies and experience, while accruing the benefits of a comprehensive employee development program to your business.
Computer skills are a basic requirement for most jobs today. Most office work requires job applicants to be familiar with internal office productivity software, such as word processors, spreadsheet programs and cloud-based team applications.
Even e-office jobs can require a bit of computer training. Retail cashier positions require employees to operate complex point-of-sale kiosks. Restaurant servers must be able to enter orders into apps or programs correctly. Factory positions may require employees to use computers to log their hours worked or to enter production information each day.
दोस्तों MPHW Course एक ऐसा कोर्स है जिसे आप 10 वीं कक्षा पास करने के बाद भी कर सकते हैं और 12 वीं कक्षा के बाद भी कर सकते हैं। यह स्वास्थ्य अथवा मेडिकल क्षेत्र से संबंधित एक कोर्स है।
MPHW Course, सबसे कम फ़ीस के साथ पूरा किया जाने वाला कोर्स माना जाता है। इस कोर्स के माध्यम से मेडिकल के क्षेत्र में एक अच्छा कैरियर बनाया जा सकता है।
इस मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर कोर्स में प्रवेश करने के लिए स्टूडेंट को कुछ योग्यताओं एवं नियमों का पालन करना पड़ता है। जिसकी जानकारी विस्तार से नीचे दी गई है।
MPHW Course में प्रवेश करने के लिए स्टूडेंट को 10 वीं कक्षा पास करना अनिवार्य होता है।
इस कोर्स को 12 वीं कक्षा के बाद भी किया जा सकता है।
10 वीं कक्षा के बाद इस कोर्स को करने के लिए स्टूडेंट को कम से कम 50% अंक प्राप्त करना जरूरी है।
कुछ संस्थानों में कोर्स के लिए 45% अंक पर भी प्रवेश मिल जाता है।
इस कोर्स के लिए कोई उम्र सीमा निर्धारित नहीं की गयी है लेकिन स्टूडेंट की उम्र कम से कम 17 वर्ष होना उनके लिए अच्छा होता है।
ऊपर कुछ प्रमुख योग्यता एवं नियम दिए गए हैं जिनके आधार पर एमपीएचडब्ल्यू कोर्स में प्रवेश दिया जाता है। लेख के अगले भाग में हम इस कोर्स में एडमिशन प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त करने वाले हैं।
एमपीएचडब्ल्यू कोर्स में मुख्य रूप से दो विधियों द्वारा एडमिशन पूरा होता है। पहली विधि में प्रवेश परीक्षा द्वारा एडमिशन लिया जाता है और दूसरी विधि में मेरिट लिस्ट द्वारा एडमिशन लिया जाता है।
Merit Based Admission: इस विधि में स्टूडेंट की दसवीं कक्षा या 12वीं कक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर कॉलेज द्वारा मेरिट लिस्ट जारी की जाती है और उसमें नाम आने पर स्टूडेंट को एडमिशन दिया जाता है। इसमें स्टूडेंट को अच्छे अंक प्राप्त करना जरूरी होता है।
Entrance Exam Admission: इस विधि में स्टूडेंट को 10 वीं कक्षा या 12 वीं कक्षा के बाद कॉलेज द्वारा आयोजित MPHW Course Entrance Exam (प्रवेश परीक्षा) में आवेदन देना पड़ता है। प्रवेश परीक्षा में पास करने के बाद ही स्टूडेंट को इस कोर्स में एडमिशन लिया जाता है।
औसत अनुसार भारत में MPHW Course Fees लगभग ₹25,000 से लेकर ₹1,00,000 तक होती है। कोर्स की फीस सरकारी कॉलेजों में प्राइवेट कॉलेज या संस्थान के मुकाबले कम होती है।
MPHW कोर्स की फीस अलग-अलग कॉलेजों में अलग-अलग प्रकार की होती है। कुछ कॉलेजों में स्टूडेंट को शिक्षा या प्रशिक्षण के साथ-साथ दी जाने वाली दूसरी सुविधाओं के अनुसार भी फीस निर्धारित की जाती है।
लेख में MPHW Course की फीस का औसत अनुसार अनुमान लगाया गया है। कोर्स की सही फीस की जानकारी आप कॉलेजों द्वारा जारी की गई ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर पता कर सकते हैं।
एमपीएचडब्ल्यू कोर्स एक सर्टिफिकेट कोर्स होता है। जिसे दसवीं कक्षा के बाद किया जाता है और इसे बारहवीं कक्षा के बाद भी किया जा सकता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद एक मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट दिया जाता है।
अगर आप इस कोर्स को 10 वीं कक्षा के बाद करना चाहते हैं तो इस कोर्स को पूरा करने के लिए 2 वर्ष का समय लगता है। जबकि 12वीं कक्षा के बाद किये जाने वाले MPHW Course की अवधि 1 साल की होती है।
एमपीएचडब्ल्यू कोर्स के 1 एवं 2 साल के पाठ्यक्रम के दौरान स्टूडेंट को Multipurpose Health से संबंधित जानकारी दी जाती है। जिसमें निम्नलिखित विषयों को शामिल किया जाता है:
English
General Foundation
Community Health Nursing Paper 1
Health Promotion Paper 2
Primary Health Nursing Paper 3
English 2
General Foundation 2
Midwifery Paper 1
Child Health Nursing Paper 2
Health Center Management Paper 3
OJT
एमपीएचडब्ल्यू कोर्स करने के बाद स्टूडेंट के पास कई सारे कैरियर विकल्प उपलब्ध होते हैं। इस कोर्स के बाद स्टूडेंट एक अच्छी पद में जॉब कर सकते हैं। इसके अलावा स्टूडेंट चाहे तो उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त करने हेतु दूसरे कोर्स भी कर सकते हैं।
MPHW कोर्स के बाद किये जाने वाले कोर्स का विवरण इस प्रकार है:
MPHW के बाद कौन से कोर्स करें
दिए गए कोर्स के अलावा और भी कई सारे कोर्स होते हैं जिन्हें MPHW Course के बाद किया जा सकता है।
MPHW Course के बाद स्टूडेंट या कैंडिडेट को सरकारी एवं प्राइवेट दोनों क्षेत्र में जॉब प्राप्त हो सकता है। इस कोर्स के बाद कई अलग-अलग पदों में जॉब के अवसर दिए जाते हैं जिनका विवरण कुछ इस प्रकार है:
मेंटल हेल्थ काउंसलर
कम्युनिटी एंड सोशल सर्विस ऑक्यूपेशंस
मेडिकल एंड हेल्थ सर्विस मैनेजर
हेल्थ एजुकेटर, इत्यादि
MPHW Course के बाद मिलने वाली जॉब में सैलरी, जॉब के पद, क्षेत्र एवं अनुभव के आधार पर निर्धारित होती है। शुरुआत में फ्रेशर कैंडिडेट को कम सैलरी मिलती है। बाद में अनुभव प्राप्त करने के बाद सैलरी में वृद्धि भी होती है।
सामान्यत: एमपीएचडब्ल्यू कोर्स के बाद मिलने वाली जॉब में लगभग ₹8,000 से लेकर ₹10,000 तक प्रति महीना का वेतन मिल सकता है।
इसी क्षेत्र में 2 से 3 साल का अनुभव प्राप्त करने के बाद लगभग ₹15,000 से लेकर ₹25,000 तक प्रति महीने का वेतन मिल जाता है।
आपको बता दें कि सरकारी क्षेत्र में जॉब प्राप्त करने पर अच्छी सैलरी मिलती है। कुल मिलाकर यह एक अच्छे कैरियर विकल्प वाला कोर्स कहा जा सकता है।
दोस्तों, MPHW Course Details in Hindi के इस लेख के माध्यम से आपको एक ऐसे कोर्स के बारे में बताया गया है जिसे आप 10वीं अथवा 12वीं के बाद कर सकते हैं। कोर्स करने के बाद से ही आपको जॉब के अवसर प्राप्त हो जाते हैं।
Shanti Gramin Vikas Trust Samiti (SGVTS) is new national level organization registered under trust Act 1882 in 23st August 2023 with the sole aim was to rid the state of its Amainstream could be achieved. To promote “Rural Health Care and Implementation of Community Development Programme” through sustainable approaches and community participation
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प्रशिक्षण अवधि हमारे संस्थान के द्वारा दो श्रेणी में बांटा गया है प्रथम श्रेणी में 1 वर्ष का प्रशिक्षण होगी जिसके लिए न्यूनतम योग्यता 12 वीं पास होना चाहिए तथा द्वितीय श्रेणी में 6 माह का प्रशिक्षण होगी जिसके लिए योग्यता नन मैट्रिक रखा गया है जिसमें कोई भी किसान किसी भी उम्र के नामांकन ले सकते हैं।
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